रंजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम समेत पांच को देखे क्या क्या मिली पूरी सजा

रंजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम समेत पांच को देखे क्या क्या मिली पूरी सजा

रंजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम समेत पांच को देखे क्या क्या मिली पूरी सजा

रंजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम समेत पांच को देखे क्या क्या मिली पूरी सजा

चंडीगढ़। सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में अहम फैसला सुनाते हुए डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम समेत सभी पांच दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। 19 साल बाद आए फैसले में अदालत ने राम रहीम को 31 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। अन्य आरोपियों को पचास-पचास हजार रुपये जुर्माना किया है।
अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के दौरान गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारियां जेल से वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से जुड़ा जबकि अन्य दोषी कृष्ण कुमार, सबदिल, जसवीर सिंह व अवतार सिंह को आज सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। अदालती कार्रवाई के दौरान इस मामले में 250 बार सुनवाई हुई तथा 61 से अधिक गवाह पेश हुए।
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। 2003 में हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने इस केस की जांच शुरू की थी। इस मामले में अदालत ने आठ अक्टूबर को सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए 12 अक्टूबर को सजा सुनाने का ऐलान किया था। ऐन मौके पर राम रहीम ने अपने वकीलों के माध्यम से सजा में रहम की अपील दायर कर दी। जिस पर पूरा दिन सुनवाई होती रही। अदालत ने 18 अक्टूबर के लिए फैसला आरक्षित कर दिया था। आज इस मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई कोर्ट के जज डॉक्टर सुशील कुमार गर्ग ने डेरा मुखी गुरमीत सिंह सहित पांच आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई।

साध्वी यौन शोषण व पत्रकार हत्याकांड में काट रहा सजा

राम रहीम साध्वियों से दुष्कर्म व छत्रपति की हत्या में जेल में ही है। 27 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों से दुष्कर्म में राम रहीम को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। तब से रोहतक की सुनारिया जेल में है। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में 16 साल बाद 2019 में उम्रकैद की सजा हुई। डेरे के साधुओं को नंपुसक बनाए जाने का मामला भी सीबीआई कोर्ट में चल रहा है।

क्या था पूरा घटनाक्रम

रणजीत सिंह की हत्या डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे और कुरुक्षेत्र जिले के खानपुर कोलिया गांव के रहने वाले रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को हत्या हुई थी। वह अपने घर से कुछ ही दूरी पर जीटी रोड के साथ लगते अपने खेतों में नौकरों को चाय पिलाकर वापस घर जा रहे थे। हत्यारों ने अपनी गाड़ी जीटी रोड पर खड़ी रखी और वे धीरे से खेत से आ रहे रणजीत सिंह के पास पहुंचे और काफी नजदीक से उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। डेरा प्रबंधन को यह शक था कि साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चि_ी रणजीत सिंह ने अपनी बहन से लिखवाई थी। पुलिस की जांच से असंतुष्ट होकर रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग के लिए याचिका दायर की थी। तब सीबीआई ने जांच के बाद आरोपियों पर केस दर्ज किया था और 2007 में चार्ज फ्रेम किए थे। मामले का मुख्य आरोपी गुरमीत राम रहीम रोहतक सुनारिया जेल में 2 साध्वियों के यौन शोषण आरोप में 20 साल की सजा व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है।

कैसे हुआ घटनाक्रम

10 जुलाई 2002 को डेरा के मैनेजर रंजीत सिंह की कुरूक्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
जनवरी 2003 में रंजीत के बेटे की मांग पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंपा।
2007 में सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की।
इस केस में 14 साल तक बहस चलने के बाद अगस्त 2021 में कोर्ट की बहस पूरी हुई।
26 अगस्त 2021 को कोर्ट ने फाइनल सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
8 अक्टूबर 2021 को रंजीत सिंह हत्याकांड में राम समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया।
12 अक्टूबर 2021 को राम रहीम ने अदालत में सजा में रहम की अपील दायर की।
18 अक्टूबर 2021 को सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम समेत पांचों दोषियों को दी उम्र कैद की सजा